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जो किसी बुझते हुए दीपक को पल भर रोशनी दे
जो किसी मृत स्वप्न को झंकृत करे और रागिनी दे
जो किसी की वेदना को हाथ भर आकाश दे दे
जो किसी मृतप्राय के सम्मुख क्षणिक विश्वास दे दे
ओ कवि लेकर कलम को
ऐसे कुछ संवाद लिख दे
चाहे मेरे सामने या चाहे मेरे बाद लिख दे ।
लिख दे कुछ ऐसा जो धरती और गगन को एक कर दे
लिख दे कुछ ऐसा कहीं पर जो किसी का शून्य भर दे
लिख दे कुछ ऐसा की जिसको शिशु भी सुनकर मु
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