सुविधाओं का त्याग जरूरी हो जाता है's image
Love PoetryPoetry2 min read

सुविधाओं का त्याग जरूरी हो जाता है

Aman MishraAman Mishra April 6, 2022
Share0 Bookmarks 43826 Reads1 Likes


 सुविधाओं का त्याग जरूरी हो जाता है, 

जब एक ओजस्वी पुंज नगर का,

दूर प्रकाशित होने जाता है, 

जब ले दृढ़ संकल्प, सफलता का मन में;

अपने सपनों की नौका को खेंयने में;

सारे सुख को त्याग नगर के, वो सन्यासी हो जाता है, 

सुविधाओं का त्याग जरूरी हो जाता है।


पापा के आंखों की पुतली,मां का तारा बन जाता है। 

जब वह विलक्षण प्रतिभा का बालक प्रयाग रहने आ जाता है

निशा-भोर ये दोनों छोर, जब एक समान हो जाता है, 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts