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शब्द
शब्द से तुम्हारी और मेरी पहचान है,
शब्द ही नहीं तो कौन क्या है ये बताइये ।।
शब्द से ही ज्ञान है, विज्ञान है जहान में,
शब्द से ही मान और अपमान पाईये ।।
शब्द ही बनाये और शब्द ही मिटाए,
ये जो सत्य है, भला आप कैसे झुठलाइए।।
शब्द में ही विष बीज नष्ट कर दे धरा को
शब्द में ही अमृत सबको पिलाइए।।
शब्द बाण एक बार करे जो हृदय को पार
घाव ऐसा है जो कभी न भर पाइए।।
शब्द जाल के परे जो आप हो गए खड़े,
तो जीवन आलोक आप खुद में ही पाइए।।
-आलोक .....✍
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