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एक बार बस एक बार ,
तुम स्त्री बन के तो देखो ।
उनके मन को जान कर,
उनके दर्द को समझ कर।
एक माँ एक बहन एक बेटी
एक स्त्री की तरह,
शारीरिक रूप से नहीं,
मानसिक रूप से,
क्या पीड़ा है ?
कृष्ण के तरह नहीं ,
राधा के तरह जान कर
समझ कर देखो,
क्या परेशानी है उन्हे?
क्यों वे अबला कहलाई जाती है ?
सुना हूं, शक्ति बहुत है उनमें
क्या सिर्फ सहने के लिए ही है ? शक्ति
एक बार सह के तो देखो,
किन्ही और के लिए रह के तो देखो।
कभी पत्नी कभी माँ कभी बहन
कभी बेटी बन के तो देखो,
एक बार दूसरों के लिए जी के तो देखो।
एक बार बस एक बार,
स्त्री बन के तो देखो।
वो क्या चाहती किसके लिए चाहती,
एक बा
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