ना रहने दिया's image
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किस शहर को अपना कहूं जनाब 

जिसने मुझमें मुझी को न रहने दिया


वो प्यास ना रहने दी वो पता न रहने दिया

जुल्फों का वो चिराग ना रहने दिया इक मुकम्मल फासला भी न रहने दिया।

और क्या चाहा था तुम्हे चा

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