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मैं प्रेम करता हूं.....तुमसे
इतना चुपचाप सलीके से
कि कह भी नही पाता
कि हा मैं प्रेम करता हूं तुमसे।
तुम्हारे गुदाज गालों से नही
तुम्हारे लहराते बालो से नही
तुम्हारी छरहरी काया से नही
पर फिर भी मैं प्रेम करता हूं तुमसे।
तुम्हारी आंखो से
तुम्हारी बातों
तुम्हारे उलझे हुए सवालातो से
जब डूब जाता हूं तो क्रांति होती है मुझमें
उस क्रांति से प्रेम क
इतना चुपचाप सलीके से
कि कह भी नही पाता
कि हा मैं प्रेम करता हूं तुमसे।
तुम्हारे गुदाज गालों से नही
तुम्हारे लहराते बालो से नही
तुम्हारी छरहरी काया से नही
पर फिर भी मैं प्रेम करता हूं तुमसे।
तुम्हारी आंखो से
तुम्हारी बातों
तुम्हारे उलझे हुए सवालातो से
जब डूब जाता हूं तो क्रांति होती है मुझमें
उस क्रांति से प्रेम क
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