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#मणिपुर
बहुत चूड़ियां टूटती है साहब
बहुत मांगे सिंदूर पूछवाती है
कई माएं अपने लाल खोती है
कई पिता अपने बुढ़ापे की उम्मीद
और कई बचपने बिन सायों के बीत जाते है
जब भी खबर आती है शहादत की
और तिरंगे में लिपटा शव आता है.....
जिस आजादी से आप बोल पा रहे है ना साहब.....
उसे बनाए रखने के लिए रोज कीमत अदा की जा रही है.....
कही चूड़ी से , बिंदी से
कही कोख से
कही उम्मीद से
तो कही बचपने से
कही दुआ खाली जाने से
तो कही न लौटे प्रियतम से।
ये जो तिरंगे में लिपटे हुए आते है ना साहब
उनकी पहचान तिरंगा है....... #IndianArmy
KuldeepDwivedi "Kd
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