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#मणिपुर
बहुत चूड़ियां टूटती है साहब
बहुत मांगे सिंदूर पूछवाती है
कई माएं अपने लाल खोती है
कई पिता अपने बुढ़ापे की उम्मीद
और कई बचपने बिन सायों के बीत जाते है
जब भी खबर आती है शहादत की
और तिरंगे में लिपटा शव आता है.....
जिस आजादी से आप बोल पा रहे है ना साहब.....
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