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इन हवाओं के ग़ुबारों से निकल कर आए
फिर कोई रश्क सितारों से निकल कर आए
फिर किसी को हो तबीअत से तमन्ना मेरी
फिर कोई रम्ज़ बहारों से निकल कर आए
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इन हवाओं के ग़ुबारों से निकल कर आए
फिर कोई रश्क सितारों से निकल कर आए
फिर किसी को हो तबीअत से तमन्ना मेरी
फिर कोई रम्ज़ बहारों से निकल कर आए
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