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जब भी कभी मैं बड़े शहर में तनहा हुआ
मुझे तंग गलियों वाला अपना छोटा शहर याद आया।
जब कभी मैं था थका मादा और कोई न था पास बेसाख्ता मुझे बचपन में मां की गोद में रखा अपना सर याद आया।
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