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पूछो स्वयं से तुम किसके स्वर हो
क्यों जब,जहां बोलना रहता है
हो जाते हो मौन
जब ,जहां नहीं होती
कोई आवश्यकता
तब हो जाते क्यों इतने मुखर हो।
जब कहना होता है
तो चुप रह जाते हो ,
जहां नहीं सहना होता है
वहां सब कु
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