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कई बार,सुनकर किस्सा गैरों की जिंदगी का
क्यों लगता है ,अरे यही तो मेरी भी कहानी है।
रोजी रोटी की जो फिक्र, नयी नस्ल को है आज
उसी फिक्र में कल ,हमने भी गंवायी जवानी है।
जो उसूल हम कलेज
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