सखि कैसे मनायेगें होरी इस बार's image
Love PoetryPoetry1 min read

सखि कैसे मनायेगें होरी इस बार

aktanu899 नीरवaktanu899 नीरव March 8, 2023
Share0 Bookmarks 54128 Reads0 Likes

सखि,

यह प्रथम वसंत है आया

कान्हा के मथुरा से द्वारका गमन के पश्चात

प्रकृति ने चतुर्दिक है रंग बिखराया

शत -शत पुष्प है पल्लवित

वृक्षो के गात पर नवल हैं पात

फूलें है गहरे लाल रंग के पलाश

फागोत्सव आने

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts