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प्रार्थनाओं में

aktanu899 नीरवaktanu899 नीरव August 18, 2023
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आजकल मेरी प्रार्थनाओं में

उन लोगों के नाम भी सम्मिलित हो गए हैं

जिनसे मैं कभी भी मिला नहीं हूं

पर मुझे लगता है

उन्हें मैं भलीभांति जानता हूं

उनके कहे हर शब्द का अर्थ

मेरी समझ में आता है

उनके विचार ही नहीं

उनके भाव तक मुझ तक पहुंचते हैं

मैं अपनी प्रार्थनाओं में

उन एक एक नामों को दोहराकर

उनके सुख की कामना करता हूं।

उन सुखों की भी

जो वो मुझसे चाहते हैं

पर मैं असमर्थ पाता हूं उन्हें देने में।


जो मिल रहा है उसका शतांश भी

न लौटाने की पीड़ा भी

अलग तरह की ही पीड़ा होती है

जो शब्द ,जो गीत, जो भाव ,

जो चिंताएं ,जो दुआएं हैं मेरे लिए उनकी खुली स्वीकारोक्ति न कर पाने का दुख भी अलग ही दुख है।

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