Share0 Bookmarks 53611 Reads0 Likes
वो निगाहों से देता है बोसे
निगाहों ही से चोट पहुंचाये है।
निगाहों से करे है बातें सारी
निगाहों से सौ चुप लगा जाये है।
निगाहों से ही दूर भेंजे
निगाहों से ही पास बुलाये है।
निगाहों से ही दे कितनी उलझनें
निगाहों से ही सब उलझने सुलझाये है।
निगाहों से गिराता है बिजलियां
निगाहों से झरने बहाये है।
निगाहों से चुभोए है नश्तर
निगाहों से ही मरहम लगाये है।
निगाहों से इक पल में अपना बना ले
निगाहों से ही ठुकराये है ।
निगाहों से बसा दे इक दुनिया
निगाहों से वही दुनिया उजाड़ जाये है।
निगाहों से ही लड़े जंग
निगाहों से प्यार के पैगाम बरसाए है।
निगाहों से चलाये है तीर
निगाहों से कलेजा चीर जाए है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments