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उम्र तो अक्सर दिखाती है आईना मुझे
मगर नादां दिल पालता है कितनी हसरतें नई।
दिल में उभरते हैं सौ खयाल
मगर जुबां को आदत सी है खामोशी की।
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उम्र तो अक्सर दिखाती है आईना मुझे
मगर नादां दिल पालता है कितनी हसरतें नई।
दिल में उभरते हैं सौ खयाल
मगर जुबां को आदत सी है खामोशी की।
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