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किसे याद रहती है
बीतते समय के साथ कभी मिले
मुरझाए गुलाबों की कोमलताएं।
पर याद रह जाती है
फूलों के साथ के
कांटों से मिली मीठी हल्की सी चुभन
और उंगली की पोर पर टपका
एक बूंद खून का और एक हल्का सा निशान
जो किसी और को न दिखे
पर दिखे बस खुद को ही।
कुम्हला जाने वाले कोमल फूलों से
ऐसी उम्र भर रह जाने वाली
कांटों की चुभन अच्छी।
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