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पलने दो अंतर में ही ,
जलने दो अंतर में ही
पलती रहें अंतर में ही कामनाएं
जलती रहे अंतर में ही
सब वर्जित कामनाएं
क्यों अधरों पर लाएं
क्यों दृष्टि से छलकाएं।
2. कितने मापदंडों पर तौली जाती कामनाएं
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