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कामनाएं जागती हैं अथाह
भावनाएं जागती हैं अथाह
जागती है कितनी गहन चाह
शब्दों से भला कहां मिटती है
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कामनाएं जागती हैं अथाह
भावनाएं जागती हैं अथाह
जागती है कितनी गहन चाह
शब्दों से भला कहां मिटती है
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