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कुछ ऐसा हो मेरा भरम भी कायम रहे
और तेरा यकीं भी सलामत रहे।
मैं तेरी दोस्ती का दम भरुं
और तेरी मुझसे अदावत भी रहे।
पाबंदियां हो लाख मिलने पर
और दीदार की इजाजत भी रहे।
एक दूसरे से किए सौ वादे टूटें मगर
भरोसा एक दूसरे पर फिर भी सलामत रहे।
उम्मीद न हो कोई एक दूसरे से
मगर कुछ गिले,शिकवे,शिकायत रहे।
मिल न सकें कभी कोई बात नहीं
मगर दिल में मिलने की हसरत रहे।
गर मिलें भी तो पांव में कोई जंजीर न पहनाएं
बार- बार मिलने बिछड़ने की इजाज़त रहे।
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