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जो बक्से में समान के साथ सपने भी लाए हैं

Akshita goyalAkshita goyal March 4, 2023
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जो बक्से में समान के साथ भारी भारी सपने लाए हैं

सपनों का प्यारा जहान दूर था,

सो उससे भी प्यारा घर छोड़ आए हैं

जिन्हें पता है कि रास्ता लंबा है

और इस बक्से में पहिये नहीं हैं

नांव है, चप्पू है, पर खिवैये नहीं है

तो नाव को तो खुद ही चलाना है

और बक्से को खुद ही उठाना है


हा, रुक सकते हैं

थोड़ी देर के लिए

जब जब छांव मिल जाए

झुलसती दोपहर के लिए


पर उस छांव में निश्चिंत हो जाना सही नहीं है

बैठ जाओ, आंखें मूंद लो, पर सो जाना सही नहीं है

ये देर तक बैठना ही ज्यादा थकाता है,

जब सफर फिर से जारी हो जाता है

और बहुत गहरी नींद से उठने पर

सिर और ज्यादा भारी हो जाता है


इस आराम और काम का तालमेल सही रखना

याद रखना, कि माँ कि नींद बिगाड़ देता है

तुम्हारा यू अच्छे से खुद का ख्याल नहीं रखना

तो ये नहीं कहते कि रास्ता आसान रखना

पर जब भी हो सके, अपना ध्यान रखना

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