जिंदगी नहीं है, दौड़ है कोई''s image
Poetry1 min read

जिंदगी नहीं है, दौड़ है कोई'

Akshita goyalAkshita goyal March 4, 2023
Share0 Bookmarks 19 Reads0 Likes



सुना था आगे ईनाम है कोई

जिंदगी नहीं है, दौड़ है कोई


पर हमारे कदम धीरे चले

सबसे आगे तो नहीं हो पाये

पर सबको साथ लिए चले

कई मोड़ पर आसान रास्ते दिखे

पर सही रास्ते पर सीधे चले


और ये रास्ता जो है, बड़ा पथरीला है

जो लौट रहे थे, वो ये बताते चलें

पर हमने इस रास्ते को पूजा था

सो, ये पैर लहू का प्रसाद चढ़ाते चले


हर एक झूठी मंजिल के अंजामो पर

सच्चे सौ आगाज बनाते चलो

उम्मीद की दिशा मे सूर्योदय भी हो

मन में पूरब उगाते चलो

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts