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माँ, अब जल्दी ठीक नहीं होते

Akshita goyalAkshita goyal March 4, 2023
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बुखार आज है, तो परसों तक रहता है

गला खराब है, तो खराब ही रहता है

दो दिन का ज़ुकाम दस दिन रहता है

सिरदर्द अपने आप कम नहीं होता

कुछ काम करने का मन नहीं होता

दवाई का पत्ता वैसे का वैसा पड़ा रहता है

माँ तेरे बिना हाल ये मेरा कैसा रहता है


पर दवाई ले लेने से भी तो , कहा ठीक होता था मै

माँ, तेरे साथ होने से ही क्या ठीक होता था मैं


कुछ तो बदलता है माँ हम में

जब तेरे नजदीक नहीं होते

कि बीमार है जो अब

तो जल्दी से ठीक नहीं होते

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