
मन में एक सागर हो
चाहत की लहरों का
जिंदगी का पानी हो
समय हो सदियों का
इस पानी की तासीर हो
नदियों सा बहने की
धरती सी हो सहनशील
पर एक हद हो सहने की
जो रास्ते में मुश्किल पडाव हो
कोई अनदेखा झुकाव हो
तो झरने सा साहस धरना होगा
ऊंचाई को गिर कर पार करना होगा
पर जो तुम्हारे साहस में जोर होगा
हर तरफ उस साहस का शोर होगा
लाख चट्टानों से जब टकराओगी
अपनी बहादुरी का बिगुल बजाओगी
जो लोग साथ दिख रहे हैं
वो साथ नहीं किनारे पर है
पानी का साथ तो बस पानी हैं
बाकी सभी किनारे पर हैं
तुम यू तो असीमित हो
पर कभी कभी बँधा हुआ पाओगी खुद को
ऐसे में हाथ कोई नौका लगे
और अपना अस्तित्व छोटा लगे
तुम ये सब छोड़कर जा सकती हो
पर पहले खुद की गहराई को नापना
नापना, कि कहां तक उस आकाश को ताक सकती हो
गौर करना, उस आकाश मे
उम्मीद का सूरज रोशन हैं
माना वो मीलों दूर हैं
और बहुत गहरा ये मन हैं
पर जो कोई सही राह पर बढ़ता रहता हैं
ये सूरज धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता रहता हैं
उम्मीद की किरणें ऐसे ही तेज हो
और बूंदों का दामन थाम ले
फिर ओस बन जाने की कोशिश हो और
आंसुओं का वो मन उड़ान ले
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