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मन में एक सागर हो
चाहत की लहरों का
जिंदगी का पानी हो
समय हो सदियों का
इस पानी की तासीर हो
नदियों सा बहने की
धरती सी हो सहनशील
पर एक हद हो सहने की
जो रास्ते में मुश्किल पडाव हो
कोई अनदेखा झुकाव हो
तो झरने सा साहस धरना होगा
ऊंचाई को गिर कर पार करना होगा
पर जो तुम्हारे साहस में जोर होगा
हर तरफ उस साहस का शोर होगा
लाख चट्टानों से जब टकराओगी
अपनी बहादुरी का बिगुल बजाओगी
जो लोग साथ दिख रहे हैं
वो साथ नहीं किनारे पर है
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