इक छोटी सी जिंदगी
मिलना–बिछड़ना, मनाना मोहब्बत में
यूँ तो पतझड़ कई देखे
फूल खिलना, खिल के मुरझाना सावन में !
ख्वाबों में मिलते हैं हर रोज
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