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हा मै एक डायरी रखता हू
अपनी सुखद यादो को उसमे संजोता हू
हर एक घटना की नई कहानी कहता हू
दिमाग की सारी उलझन को मै रोज उसमे लिखता हू
हा मै एक डायरी रखता हू
जिवन की हर छवि को शब्दो मै पिरोता हू
उसी बहाने रोज खुद को एक नया सवाल कहता हू
फिर उसको लिखके मन को रोज खाली करता हू
हा मै एक डायरी रखता हू
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