कविता - सवाल's image
Share0 Bookmarks 49 Reads1 Likes

परेशानी में 

खोया हुआ

सड़कों में

सोया हुआ


जात-धर्म 

भूला हुआ

भुखमरी में

झूला हुआ


पथराई आँख

करती इंतज़ार

सुकड़ी आँत

करती गुहार


व्यथित शरीर

अकिंचन दरिद्र

खाली बैठा है

हुआ बेरोजगार


वो कैसे खाए

खाना कहाँ से आए

मन में उमड़ रहे

बार बार सवाल


कोई आके

मुझसे पूछे

मेरे भी हाल!


#akib

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts