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अमाल उससे कभी छिपता नही है
ख़ुदा है वो कभी दिखता नही है
कहूँ कैसे बुतकदो ने क्या देखा
उसे जलवा-नुमा दिखता नही है।
ख़ुदा है वो कभी दिखता नही है
कहूँ कैसे बुतकदो ने क्या देखा
उसे जलवा-नुमा दिखता नही है।
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