
Share0 Bookmarks 39 Reads1 Likes
ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे
कई दर्द अपने पुराने लिखे
मुझे प्यार में तूने धोखा दिया
हरिक ज़ख़्म तेरे पुराने लिखे
जहां ज़िन्दगी ने अंधेरे भरे
क़लम ने वहां दिन सुहाने लिखे
जहां पर समय ने ली अंगड़ाइयाँ
वहां पर बदलते ज़माने लिखे
हक़ीक़त में हो ख़्वाब पूरे ये सब
कुछ ख़्वाब हमने सयाने लिखे
-आकिब जावेद
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments