अतुकांत कविता's image
1 min read

अतुकांत कविता

आकिब जावेदआकिब जावेद June 16, 2020
Share0 Bookmarks 242298 Reads0 Likes

*मंच को समर्पित दूसरी रचना*


थोड़ा ख़मोशी ओढ़े

किसी कोने में पड़ें

पढ़ रहा अख़बार

ढूँढ़ रहा है ख़बर!

मिल जाए शायद

उसे जो चाहिए

चाशनी में डूबी हुई

थोड़ा नमकीन सी

भीनी खुशबूदार

जिसे गटक कर

खुश हो ले और

काट ले अपने 

ये भयानक दिन

जो नही

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts