Share0 Bookmarks 244256 Reads1 Likes
अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए
गर्दिशों से दिल लगाना सीखिए।।
है बहुत दिल को दुखाने के लिए
शहर भर को आज़माना सीखिए।।
ज़िन्दगी उलझन में ही उलझी रही
हाथ सबसे ही मिलाना सीखिए।।
हो गया कमज़र्फ दिल सबका यहाँ
दर्द ए दिल का भी दबाना सीखिए।।
हाथ में क्या काँच ही सबके रहे
दिल को ही पत्थर बनाना सीखिए।।
बदले बदले से नज़र
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments