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आसान है आगजनी 

भीड़ बनकर 

जला देना देश के विकास को 

फिर आसान है 

सुबह की चाय से रात की शराब तक 

कोस लेना विकास को 

पर कितना आसान है 

किसी के लेना प्राण 

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