
Share0 Bookmarks 221 Reads2 Likes
परिभाषाएँ प्रेम की ढूंढ कर मैं थक चुका हूँ
सोचता हूँ प्रेम अगर पवन होता तो कैसा होता ?
पवन, जो बहती मुझसे ओर तेरी या
तुम से पास हमारे
ना संदेशों की आवश्यकता होती
ना उन प्रती
No posts
No posts
No posts
No posts
परिभाषाएँ प्रेम की ढूंढ कर मैं थक चुका हूँ
सोचता हूँ प्रेम अगर पवन होता तो कैसा होता ?
पवन, जो बहती मुझसे ओर तेरी या
तुम से पास हमारे
ना संदेशों की आवश्यकता होती
ना उन प्रती
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments