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मैं पहाड़ो पर बैठ कर हँसता हूँ बहुत जोर से
तरस खाता हूँ
जब देखता हूँ शहरों की और
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मैं पहाड़ो पर बैठ कर हँसता हूँ बहुत जोर से
तरस खाता हूँ
जब देखता हूँ शहरों की और
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