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कितना सुखद होता है
मिलना
नदियों के घाट से
दो नदियों का आपस में
और समंदर में
आसमान का जमीं से
और तुम्हारा मुझसे
पर उससे भी अधिक सुखद होता है
खुला आसमान, खुली जमीं
बिना घाटों की नदियाँ
और एक अकेली नदी
क्योंकि
इस अकेलेपन में
रोज एक उम्मीद का मिलना
बेहद सुखद होता है
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