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जन्नत एक गांव गांव की एक गली
गली में चोबारे पर तू बाल सुखाती है_
तुझे क्या बताऊं मेरी सुबहों की रस्मी
मुझको तुझपे कितनी मोहब्बत आती है..
नींद छीन लेती है तेरी एक झलक तेरी खुशबू चैन चुराती है..
हाए तेरी पलकों के ये पर्दे न जाने तेरी आंखें क्या #राज छुपाती हैं..
गली में चोबारे पर तू बाल सुखाती है_
तुझे क्या बताऊं मेरी सुबहों की रस्मी
मुझको तुझपे कितनी मोहब्बत आती है..
नींद छीन लेती है तेरी एक झलक तेरी खुशबू चैन चुराती है..
हाए तेरी पलकों के ये पर्दे न जाने तेरी आंखें क्या #राज छुपाती हैं..
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