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जिसका आदि ना कोई अन्त,
जिसके आगे बौने दिग दिगन्त,
भक्त हूं मैं उसका,
जिसका नाम है अन्नत।।
जिसके नाम से ही श्रृष्टि थर्राये,
जो देने पे आये तो देता ही जाये,
समस्या को तेरे वो पल मे निवार दे,
नाम मात्र से ही तेरी जिन्दगी सवार दे।
है ये महादेव जो तुम्हे सत्य का ज्ञान दे,
म
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