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Kavishala LabsPoetry2 min read

वक्त का मारा हुआ

ajayamitabh7ajayamitabh7 November 7, 2021
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हुकुमत की जंग में रिश्ते, नाते , सच्चाई, जुबाँ की कीमत कुछ भी नहीं होती । सिर्फ गद्दी हीं महत्त्वपूर्ण है। सिर्फ ताकत हीं काबिले गौर होती है। बादशाहत बहुत बड़ी कीमत की मांग करती है। जो अपने रिश्तों को कुर्बान करना जानता है , वो ही पूरी दुनिया पे हुकूमत कर पाता है । औरंगजेब, सिकन्दर, अशोक इत्यादि इसके अनेक उदाहरणों में से एक है । ये महज इत्तिफाक नहीं है कि पूरी दुनिया का मालिक अक्सर अकेला हीं होता है।


वेवक्त बेसहारा हुआ ना सिंहासन का उतारा हुआ,

बड़ी मुश्किल से है उठता विश्वास का हारा हुआ।


तुम दुश्मनों  की  फौज पे अड़े रहे थे ठीक हीं,

घर भी तो देख लेते क्या क्या था बिगाड़ा हुआ।


थी रोशनी से ईश्क तो जुगनू से रखते वास्ता,

कोई अपना भी तेरा क्या जो दूर का सितारा हुआ।


नजर

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