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मुझे बाजार में दिन में एक चांद मिला
चांद को देख मेरा अंतर्मन हिला ।
उसकी चांदनी के सामने सूरज की चमक भी फीकी पड़ गई
मेरी आंखे उसकी चांदनी को देखकर चकरा गई ।
मैंने उस चांद से दोस्ती के लिए अपना हांथ बढ़ाया
वह चांद पहले थोड़ा शरमाया और मुस्कराया ।
उसकी मुस्कराहट के सामने आसमान
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