
Share0 Bookmarks 1400 Reads6 Likes
बिन तेरे जीवन जीने कि
ना मुझको कोई आस रही
मैं वो बेकल सा सीप प्रिये
जिसको स्वाति कि प्यास नही।
तेरी तृष्णा हि रही सदा
No posts
No posts
No posts
No posts
बिन तेरे जीवन जीने कि
ना मुझको कोई आस रही
मैं वो बेकल सा सीप प्रिये
जिसको स्वाति कि प्यास नही।
तेरी तृष्णा हि रही सदा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments