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न जाने किस घड़ी से
किसके लिए खड़ा हूं
कैसी है जिद ये मेरी
जिसके लिए अड़ा हूं।
न भुत जानुं उसका
न भविष्य देखता हूँ
वर्तमान की घड़ी मे
उसकी राह देखता हूँ।
पास आने कि आस मे
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