
Share0 Bookmarks 574 Reads3 Likes
वो इतिहास का परिहास करे
जो वर्तमान देख न पाते है।
अपने अहम मे मद्मत्त हुए
बस अन्यों को मूर्ख बताते हैं।
वो उत्पात मचाने को
हर घड़ी यु आतुर रह्ते हैं
बन जाते स्वयं ही धर्म दुत
देवत्व को लांछित करते हैं।
मुल समझते नही स्वयं का
बस थोथि बातें क
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments