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दिवाली का दीपक हूं
आशाओं का रुपक हुं
मै जन्मा हूं जलने को
अन्धकार को हरने को
मै सुचक हुं शुभ का
शायक हूं लाभ का
मै आरंभ हुं अनुष्ठान का
आरती या गौरव् गान का
मैं मिट्टी पानी से सिंचित हूं
अग्नि वायु से पोषित हुं
मैं ज
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