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ये सांसें छूट भी जाए
या तन मिट्टी मे मिल जाए
पर आवारगी लिए तेरी
मैं धूंआ बन के जिंदा हूं।
मुझ धूंऐ से कोई पुछे<
या तन मिट्टी मे मिल जाए
पर आवारगी लिए तेरी
मैं धूंआ बन के जिंदा हूं।
मुझ धूंऐ से कोई पुछे<
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