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"ॐ नमः शिवाय "
इकाई भी वहीं
अंत भी वहीं हैं तो,
आदि भी वहीं
जड़ भी वहीं हैं तो,
वट वृक्ष भी वहीं
धरा पर भी वहीं हैं तो,
धरा से परें भी हैं वहीं
चेतना का अर्धांश भी हैं
मन की पूर्णता भी वहीं
पक्ष में भी वहीं हैं तो
विपक्ष में भी हैं वहीं
असुरों में भी हैं वो तो,
देवों में भी हैं वहीं
माया में भी हैं वहीं
तो, माया से परें भी वहीं
पंच तत्त्वों में भी हैं वहीं तो,
पंच परमेश्वर भी हैं
जर से परें हैं तो
जर में भी हैं वहीं
क्रोध में भी हैं वहीं तो,
मौन अभिव्यक्ति भी वहीं
पुरुष में भी हैं तो,
स्त्री में भी हैं वहीं
अमृत भी हैं उसकी वाणी में तो,
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