
Share0 Bookmarks 15 Reads1 Likes
गुज़र गया वो साल भी, इक तेरे बगैर,
निकलेगा ये साल भी, इक तेरे बगैर,
तमाम लम्हें, तेरी चाहतों को तरसते रहे,
तमाम हसरतें फिर दम तोड़ देंगी, इक तेरे बगैर।।
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments