Share0 Bookmarks 207055 Reads1 Likes
अपने चेहरे पे हंसी ख़ूब सजाना सजनी
मेरे ख़ातिर कभी दिल को न दुखाना सजनी
ख़ुद को बेहद भी ज़ियादा न रुलाना सजनी
तेरे आँसूं नहीं समझेगा ज़माना सजनी
मैं भी देखूँ गा फ़रिश्ता जो फ़लक से उतरा
अपने साजन को कभी मुझ से मिलाना सजनी
मैं तेरे अश्क नहीं पोंछ सकूंगा आकर
तू मेरे वास्ते आँसूं न बहाना सजनी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments