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अपने चेहरे पे हंसी ख़ूब सजाना सजनी
मेरे ख़ातिर कभी दिल को न दुखाना सजनी
ख़ुद को बेहद भी ज़ियादा न रुलाना सजनी
तेरे आँसूं नहीं समझेगा ज़माना सजनी
मैं भी देखूँ गा फ़रिश्ता जो फ़लक से उतरा
अपने साजन को कभी मुझ से मिलाना सजनी
मैं तेरे अश्क नहीं पोंछ सकूंगा आकर
तू मेरे वास्ते आँसूं न बहाना सजनी
मेरी यादों को न सीने से लगा कर रखना
नए घर में नया संसार बसाना सजनी
जब भी मुश्किल हो बनेगा वो सहारा तेरा
अपना दुःख दर्द उसे जा के बताना सजनी
उसको एहसास दिलाना उसे चाहत देना
उसको जब भी कभी सीने से लगाना सजनी
तेरा अफ़ज़ल ये दुआ करता है तेरी ख़ातिर
रब तुझे बख़्शे गा ख़ुशियों का ख़ज़ाना सजनी
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