
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
धमनी से जब रक्त बहेगा,
अंग-अंग कट के जो गिरेगा।
उस लहु का श्रृंगार करूँगा,
फिर दुश्मन पर वार करूँगा।
भुजबल से प्रहार करूँगा,
शत्रु का संहार करूँगा।
लड़ता तबतक देह रहेगा,
बूँद एक भी शेष रहेगा।
यदि मूर्छित मैं हो जाऊँ,
मृत्यु की शैय्या पर जाऊँ।
ये देह समर्पित कर दूँगा,
पर शर्त एक ये रख दूँगा।<
अंग-अंग कट के जो गिरेगा।
उस लहु का श्रृंगार करूँगा,
फिर दुश्मन पर वार करूँगा।
भुजबल से प्रहार करूँगा,
शत्रु का संहार करूँगा।
लड़ता तबतक देह रहेगा,
बूँद एक भी शेष रहेगा।
यदि मूर्छित मैं हो जाऊँ,
मृत्यु की शैय्या पर जाऊँ।
ये देह समर्पित कर दूँगा,
पर शर्त एक ये रख दूँगा।<
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments