तू दिन और रात एक ही ख्याल में रहता है,
ए-मेरे-दोस्त तू क्यों हर पल बेहाल में रहता है,
तू तो चाहता है दिल-ओ-जान से उसको पर,
तुझे पता है कि वो तेरे कितने ख्याल में रहता है।
तू क्यों लुटाता है उस पर अपनी ढेर सारी खुशियां,
तुम्हें नहीं पता है वो किसी और के प्यार में रहता है,
तुम तो हर हाल में उसको अब अपना समझ बैठे हो,
तुम्हें यह नहीं पता वो किसी और की याद में रहता है।
लगता तुम्हें अभी समझ नहीं अपने और पराए की,
इसलिए ही वो हरदम तेरे दिल-ओ-जान में रहता है।
- आदित्य यादव उर्फ़
"कुमार आदित्य यदुवंशी"✍️
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