मुझको ये डर बहुत सताता था's image
Poetry1 min read

मुझको ये डर बहुत सताता था

Avinash trivediAvinash trivedi September 17, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads2 Likes
मुझको ये डर बहुत सताता था
मुब्तला रहते थे मुझसे मेरे अपने ।

मैंने एक उम्र काटी है डर में
भेज न दे कोई मुझे घर अपने।

थे सवालात पूछ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts