चाँद जैसी थी's image
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चलती फिरती सी निगाहों ने 

 एक झलक देखा है उसकी

नूर कहो या कोहिनूर कहो उसे

वो जमी की नही आशमा कि चाँद जैसी थी।


लेखक आदर्श पाण्डेय

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